दुनिया के सबसे रोमांटिक शहर में शुमार है फ्रांस की राजधानी पेरिस। आधुनिक फ़ैशन और रोमांच से भरे इस शहर ने सदियों से प्रेमी-प्रेमिकाओं, कवियों, चित्रकारों, दार्शनिकों, उपन्यासकारों, आर्किटेक्टों, फिल्मकारों और पर्यटकों को लुभाया है। दुनिया भर के लव बर्ड्स का फेवरेट डेस्टिनेशन है पेरिस। यहां की फिज़ाओं में प्यार का इज़हार बेहद रोचक होता है। सर्दी हो या गर्मी पर्यटकों की संख्या में कोई कमी नहीं होती। नए शादीशुदा जोड़े हों या शादी के बंधन में बंधने वाले , बुजुर्ग हों या युवा पेरिस आते ही सब पर रोमांस का नशा छा जाता है।
सीन नदी के किनारे बसा पेरिसअपनी कला और संस्कृति के लिये मशहूर है। सीन नदी ने शहर की खुबसूरती में हमेशा से चार चांद लगाया है। पेरिस में तकरीबन 37 पुल बनाए गए हैं जो शहर को एक इलाके से दूसरे इलाके तक बख़ूबी जोड़ते हैं। सीन नदी पर बने लिव-लॉक पुल प्यार के इज़हार के लिए ख़ास मायने रखता है। यहां कई युवा जोड़े अपने प्यार का इज़हार करते नज़र आते हैं और अपने रिश्ते की कड़ी में ताउम्र बंधने को बेकरार दिख जाते हैं। यहां बाजारों में हार्ट शेप के तालों की डिमांड सबसे ज्यादा है...हालांकि इस पुल पर अब लॉक की थोड़ी सी जगह मिल पाना भी मुश्किल है... क्योंकि ये परंपरा अब पुल के लिये घातक साबित हो रही है। पुल का भार तालों की वजह से काफ़ी बढ़ गया है इसलिये अब इसे रोकने का प्रयास किया जा रहा है। साल 2014 में पोंट डि आर्टस के एक पुल को बैरियर के जरिये बचाया गया। वहीं दूसरे पुल पोंट न्यूफ़ पुल प्रेमी जोड़ों के लव-लॉक की वजह से ढह गया। पेरिस के अधिकारियों ने करीब 70 टन वज़न के तालों को हटवाया... वही नदी के पानी में भी हज़ारो टन ताले निकाले गए। प्रेमी जोड़ों की इस परंपरा को रोकने के लिए कांच की दीवार बनाई गई है... और पोंट न्यूफ़ पर लगातार चौकसी बरती जा रही है....लेकिन अब प्रेमी-प्रेमिका यहां के आस-पास के पुलों पर ताले लटका कर इस परंपरा का निर्वाह करते दिख जाते हैं। हालांकि अब प्यार के इज़हार के लिए लव-लॉक की जगह लिप-लॉक को तरज़ीह दी जा रही है।
इस प्रथा की शुरूआत कब हुई ये तो समझ से परे है लेकिन लोगों का मानना है कि इसका प्रचलन साल 2008 के उपन्यास आई वॉन्ट यू से हुआ। इसमें वर्णित है कि फ्रेडिको मोक्सिया ने अपने प्यार के इज़हार में रोम के पुल पर पहली बार ताला लगाया था। तब से परंपरा शुरू हुई और अब ये फ्रांस के कई पुलों पर दिख जातीं हैं।
वहीं सीन नदी पर क्रूज का अनुभव बेहद रोमांचक होता है। ख़ास तौर पर शाम के समय सूर्यास्त के बाद रौशनी से नहाया अद्भुत शहर बेहद मनमोहक नज़र आता है। शहर की परछाई जब नदी में पड़ती है तो नज़ारा और भी रोमांचक लगता है। शहर की रंगबिरंगी रौशनी दर्पण का आभास कराती है। ये सवारी काफ़ी विलासितापूर्ण होती है। रात का डिनर मंत्रमुग्ध संगीत के साथ पर्यटकों को लुभाते हैं। साथ ही शैंपेन और शराब का लुत्फ थी उठाया जा सकता है। क्रूज पर्यटकों को तो लुभाते ही हैं साथ ही स्थानीय लोगों की आवाजाही का भी ये सस्ता और सुलभ साधन हैं। बिना ट्रैफिक जाम में फंसे जल मार्ग से काफी दूर तक का सफ़र चंद पलों में किया जा सकता है।
इस साल जून में मूसलाधार बारिश की वजह से सीन नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया था जिसकी वज़ह से नदी के आसपास के म्यूजियम को चार दिनों के लिये बंद करना पड़ा। नदी के किनारे छोटी-छोटी दुकानें सजी होती हैं जिनमें शहर की ख़ास चीजें मिलती हैं साथ ही यहां कई पेंटिग शॉप्स भी होती हैं जिनमें खूबसूरत पेंटिंग की खरीदारी की जा सकती हैं।
नदी के किनारे फ्रांस के इतिहास का गवाह है नोटे डैम यानी ऑवर लेडी चर्च... 13 वीं शताब्दी का ये चर्च नए साल में ...850 साल पूरे कर रहा है।
ऐफ़िल टॉवर यहां का सबसे आकर्षक पर्यटक स्थाल माना जाता है। हर साल लाखों की तादाद में पर्यटक यहां आते हैं....ये फ़्रांस की संस्कृति का प्रतीक है। एफ़िल टॉवर की रचना गुस्ताव एफ़िल के द्वारा की गई थी।
यह तीन मंज़िला टॉवर पर्यटकों के लिए साल के ३६५ दिन खुला रहता है। इस टॉवर पर जाने के लिए टिकट के लिए भी लंबा इंतज़ार करना पड़ता है। हालांकि एक फ्लोर तक आप सीढ़ीयों से भी जा सकते हैं लेकिन सबसे ऊपर तक जाने के लिए लिफ्ट का सहारा लेना पड़ता है...आधुनिक लिफ़्ट के ज़रिये आप इसकी सबसे ऊंची इमारत तक जा सकते हैं। ऐफ़िल टॉवर से सीन नदी का नज़ारा और पूरा शहर चारो तरफ़ से देखना रोमांचक होता है। टॉवर के ऊपरी हिस्से में शैंपेन और शराब की दुकानें हैं साथ ही यहां डिनर के लिए भी पहले से टेबल बुक करना पड़ता है। रात को जगमगाता टॉवर आकर्षक प्रतीत होता है
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लौवर म्यूजियम यहां का सबसे रोचक म्यूजियम है। त्रिकोण आकार में बने इस पारदर्शी म्यूजियम में असली मोनालिसा की पेंटिंग रखी गई है जो पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है हालांकि ये काफी छोटी पेंटिंग है लेकिन दुनिया भर में चर्चित इस पेंटिंग को देखनें के लिए पर्यटक दूर दूर से यहां आते हैं।
भारत के पर्यटकों को फ्रांस का प्रसिद्ध आर्क डि ट्राओम्फ् काफी लुभाता है क्योंकि ये गेट उन्हें दिल्ली के इंडिया गेट की यादें ताज़ा कराती हैं। शहीदों की याद में बने इस गेट के ऊपर जाने के लिए सीढ़ियां बनी हैं और साथ ही लिफ्ट की सुविधा भी है। यहां भी ऊपर से शहर का नज़ारा काफ़ी सुन्दर दिखता है। गेट के चारो तरफ से निकलते रास्ते और आस पास बसीं इमारतें सफेदी की चादर ओढ़े प्रतीत होती हैं...यहां इमारतों का रंग सफेद होता है जो शहर को एक शाही लुक देता है।
यहां के खाने की बात की जाए तो बेकिंग ब्रेड, चीज़, पास्ता, चॉकलेट, सूप, आइसक्रीम काफी टेस्टी होते हैं। हालांकिआम तौर पर होटल के रूम काफी छोटे होते हैं और पिक सीजन में होटल मिलना मुश्किल
पर्यटक यहां से एफिल टॉवर की लोहे से निर्मित आकृति ले जाना नहीं भूलते...चहे छोटी हों या बड़ी... और अंत में फैशन के इस शहर से फैशनेबल शॉपिंग नहीं किया तो आपकी यात्रा अधूरी है....हालांकि चीजें काफ़ी मंहगी होती हैं लेकिन शॉपिंग तो बनती है....है ना।