गूगल में फैलते गणराज्य में कम्प्यूटर ने अपनी गहरी पैठ बना ली है…दुनिया धीरे-धीरे कम्प्यूटर के
शिकंजे में कैद होने लगी है...देशी ही नहीं विदेशी कंपनियां भी ग्राहकों को खूब लुभा रही हैं...आपको याद होगा रिलायंस ग्रुप के जनक धीरूभाई अंबानी का सपना था 'कर लो दुनिया मुट्ठी
में'...यानी धीरूभाई अंबानी हर हाथ में मोबाइल देखना चाहते थे...और आज देखिये उनका ये सपना
साकार होता नजर आ रहा है...आज मध्यमवर्ग से लेकर निचले वर्ग के लिए भी मोबाइल कोई बड़ी
चीज़ नहीं रह गई है...दूधवाला हो पेपरवाला हो यहां तक की रिक्शा चलाने वालों के पास भी
मोबाइल पहुंच चुके हैं...उन्हीं की तर्ज पर अब कम्प्यूटर कंपनी भी हर हाथ में कम्प्यूटर पहुंचाने की मुहिम में जुटा है...
कम्प्यूटर यानी अब लैपटॉप का जमाना आ रहा है...लैपी के आकार और रंग में बदलाव कर कंपनी
ग्राहकों को लुभा रहे हैं... easy to handle के फंडे को अपनाते हुए बिल्कुल बजट में ग्राहकों
को रंग-बिरंगे लैपटॉप मुहैया कराए जा रहे हैं...कई कंपनियों ने अल्ट्रा स्लिम और कलरफुल लैपी
बनाकर लोगों को अपना मुरीद बना दिया है जब से सोनी ने कंज्यूमर नोटबुक के रूप में बाजार में
अपना नया लैपटाप वायो एक्स रेंज पेश किया है...महिलाए भी लैपी के प्रति आकर्षित होने लगी
हैं...जब से कम्पनी ने वायो श्रृंखला के उत्पादों के प्रचार के लिए अभिनेत्री करीना कपूर को ब्रांड
अम्बेस्डर बनाया है...महिलाओं का लैपी के प्रति झुकाब बढ़ता जा रहा है...655 ग्राम वजनी वायो
एक्स दुनिया का सबसे हल्का लैपटॉप है। ग्राहकों की इच्छा को ध्यान में रखते हुए कम्पनी ने इसे
कई डिजाइन और रंगों में पेश किया है। HCL और बांकी कई कंपनियों ने भी स्लिम लैपी बाजार
में उतारी है...ये रंग बिरंगी लैपी महिलाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं...कामकाजी महिलाओं
के अलावा भी अब आम महिलाएं भी लैपी की कमी महसूस करने लगीं हैं...पहले लोगों को लैपी
खरीदने के लिए लोन लेना पड़ता था...या फिर किस्तों में पैसे चुकाने पड़ते थे लेकिन अब लैपी की
घटी कीमतों ने लोगों को हाथों-हाथ खरीदारी की सुविधा दी है... मुझे लगता है एक समय ऐसा भी आएगा जब कामकाजी महिलाएं ही नहीं गृहणीयां भी अपनी ड्रेस
के अनुसार लैपी का प्रयोग करने लगेंगीं...यानी जिस कलर का ड्रेस उस कलर की लैपी...घर बैठे ही
सारा काम हो जाया करेगा...और हो भी क्यों न एक छोटी सी चीज़ आपकी दुनिया जो बदल देती
है...आपकी दुनिया में रंग भर देती है...
शिकंजे में कैद होने लगी है...देशी ही नहीं विदेशी कंपनियां भी ग्राहकों को खूब लुभा रही हैं...आपको याद होगा रिलायंस ग्रुप के जनक धीरूभाई अंबानी का सपना था 'कर लो दुनिया मुट्ठी
में'...यानी धीरूभाई अंबानी हर हाथ में मोबाइल देखना चाहते थे...और आज देखिये उनका ये सपना
साकार होता नजर आ रहा है...आज मध्यमवर्ग से लेकर निचले वर्ग के लिए भी मोबाइल कोई बड़ी
चीज़ नहीं रह गई है...दूधवाला हो पेपरवाला हो यहां तक की रिक्शा चलाने वालों के पास भी
मोबाइल पहुंच चुके हैं...उन्हीं की तर्ज पर अब कम्प्यूटर कंपनी भी हर हाथ में कम्प्यूटर पहुंचाने की मुहिम में जुटा है...
कम्प्यूटर यानी अब लैपटॉप का जमाना आ रहा है...लैपी के आकार और रंग में बदलाव कर कंपनी
ग्राहकों को लुभा रहे हैं... easy to handle के फंडे को अपनाते हुए बिल्कुल बजट में ग्राहकों
को रंग-बिरंगे लैपटॉप मुहैया कराए जा रहे हैं...कई कंपनियों ने अल्ट्रा स्लिम और कलरफुल लैपी
बनाकर लोगों को अपना मुरीद बना दिया है जब से सोनी ने कंज्यूमर नोटबुक के रूप में बाजार में
अपना नया लैपटाप वायो एक्स रेंज पेश किया है...महिलाए भी लैपी के प्रति आकर्षित होने लगी
हैं...जब से कम्पनी ने वायो श्रृंखला के उत्पादों के प्रचार के लिए अभिनेत्री करीना कपूर को ब्रांड
अम्बेस्डर बनाया है...महिलाओं का लैपी के प्रति झुकाब बढ़ता जा रहा है...655 ग्राम वजनी वायो
एक्स दुनिया का सबसे हल्का लैपटॉप है। ग्राहकों की इच्छा को ध्यान में रखते हुए कम्पनी ने इसे
कई डिजाइन और रंगों में पेश किया है। HCL और बांकी कई कंपनियों ने भी स्लिम लैपी बाजार
में उतारी है...ये रंग बिरंगी लैपी महिलाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं...कामकाजी महिलाओं
के अलावा भी अब आम महिलाएं भी लैपी की कमी महसूस करने लगीं हैं...पहले लोगों को लैपी
खरीदने के लिए लोन लेना पड़ता था...या फिर किस्तों में पैसे चुकाने पड़ते थे लेकिन अब लैपी की
घटी कीमतों ने लोगों को हाथों-हाथ खरीदारी की सुविधा दी है... मुझे लगता है एक समय ऐसा भी आएगा जब कामकाजी महिलाएं ही नहीं गृहणीयां भी अपनी ड्रेस
के अनुसार लैपी का प्रयोग करने लगेंगीं...यानी जिस कलर का ड्रेस उस कलर की लैपी...घर बैठे ही
सारा काम हो जाया करेगा...और हो भी क्यों न एक छोटी सी चीज़ आपकी दुनिया जो बदल देती
है...आपकी दुनिया में रंग भर देती है...
धीरे धीरे बच्चों को भी लैपी काफी प्रभावित करने लगे तो कोई नई बात नहीं होगी...माता-पिता
अपने बच्चों को किताब-कॉपी की बजाए हाथ में एक लैपी थमा देंगे और बच्चों की पूरी पढ़ाई लैपी
पर ही हो जाया करेंगी...माता पिता भी हर साल नई किताबें और कॉ़पियां और यहां तक की हर
महीने कलम या पेंसिल खरीदने से भी बच जाएंगे...बच्चों पर किताबों का बोझ कम हो जाएगा...बस
हर रोज अपना लैपी लेकर स्कूल चले जाओ हो गई पढ़ाई...कॉलेजों में भी बस लैपी पर ही सारी
पढ़ाई हो जाया करेंगी...हालांकि जब भी कोई नई शुरूआत होती है उससे पहले नया विवाद जन्म
लता हैं...हो सकता है इसका स्कूलों में विरोध हो लेकिन इसके फायदे इतने हैं कि लोग इसे ना
चाहते हुए भी अपना ही लेंगे...जैसा की स्कूली बच्चों ने मोबाइल अपना लिया है और साइकिल
छोड़कर बाइक अपना ली है...जैसे मोबाइल अब मध्यमवर्गीय परिवार के साथ-साथ निम्म वर्गीय परिवारों के लिए भी सामान्य सी
चीज बनकर रह गई है वैसा ही भविष्य में लैपटॉप का भी इस्तेमाल जल्द ही होने लगेगा...लेकिन ग्राहक सोचसमझ कर इसे खरीदना उचित समझते हैं...भले ही छोटा लैपी आपके लिए लाना ले जाना आसान हो लेकिन उसके फायदे और नुक्सान को ध्यान में रखकर ही खरीदना उचित होगा... एक बार मैं पिक्चर देखने मॉल पहुंची...पिक्चर शुरू होने में थोड़ा वक्त था मैंने सोचा चलो कुछ शॉपिंग हो जाए...खाली समय का सदुपयोग भी हो जाएगा और बाजार में क्या नई चीज लॉच हुई है इसकी भी जानकारी हो जाएगी...मैं एक-दो दुकानों में गई...फिर मेरी नज़र एक Electronic की दुकान पर पड़ी...मैं अंदर गई...सामने सोनी का छोटा लैपी रखा था...रंग बिरंगे कलर में रखे लैपी ने मुझे भी प्रभावित किया...मैंने सोचा चलो एक-दो और लैपी देख ली जाए...मैंने लैपी की तहकीकात करनी शुरू की...सबके बारे में जानकारी जुटाने लगी...और अंत में Puzzled हो गई...समझ नहीं आ रहा था कौन सा खरीदना उचित होगा...मैंने एक दो लॉगशीट मांगी सोचा घर जाकर पहले देख तो लूं किसमें क्या सही है कौन सा लेना उचित होगा...अंत में मैंने सोचा किसी कम्प्यूटर के जानकार से पूछने के पश्चात ही कोई फैसला लूंगी...मैंने अपने कुछ सहयोगियों से पूछा...किसी ने कुछ बताया किसी ने कुछ...किसी ने किसी एक लैपी की खूबी बताई तो किसी ने दूसरे की...खैर मैंने फैसला किया भले ही एक बार पैसे लगे...लेकिन मैं ऐसा लैपी लूं जिसमें सारी खूबियां हो ताकि भविष्य में मुझे कोई परेशानी न हो।
अपने बच्चों को किताब-कॉपी की बजाए हाथ में एक लैपी थमा देंगे और बच्चों की पूरी पढ़ाई लैपी
पर ही हो जाया करेंगी...माता पिता भी हर साल नई किताबें और कॉ़पियां और यहां तक की हर
महीने कलम या पेंसिल खरीदने से भी बच जाएंगे...बच्चों पर किताबों का बोझ कम हो जाएगा...बस
हर रोज अपना लैपी लेकर स्कूल चले जाओ हो गई पढ़ाई...कॉलेजों में भी बस लैपी पर ही सारी
पढ़ाई हो जाया करेंगी...हालांकि जब भी कोई नई शुरूआत होती है उससे पहले नया विवाद जन्म
लता हैं...हो सकता है इसका स्कूलों में विरोध हो लेकिन इसके फायदे इतने हैं कि लोग इसे ना
चाहते हुए भी अपना ही लेंगे...जैसा की स्कूली बच्चों ने मोबाइल अपना लिया है और साइकिल
छोड़कर बाइक अपना ली है...जैसे मोबाइल अब मध्यमवर्गीय परिवार के साथ-साथ निम्म वर्गीय परिवारों के लिए भी सामान्य सी
चीज बनकर रह गई है वैसा ही भविष्य में लैपटॉप का भी इस्तेमाल जल्द ही होने लगेगा...लेकिन ग्राहक सोचसमझ कर इसे खरीदना उचित समझते हैं...भले ही छोटा लैपी आपके लिए लाना ले जाना आसान हो लेकिन उसके फायदे और नुक्सान को ध्यान में रखकर ही खरीदना उचित होगा... एक बार मैं पिक्चर देखने मॉल पहुंची...पिक्चर शुरू होने में थोड़ा वक्त था मैंने सोचा चलो कुछ शॉपिंग हो जाए...खाली समय का सदुपयोग भी हो जाएगा और बाजार में क्या नई चीज लॉच हुई है इसकी भी जानकारी हो जाएगी...मैं एक-दो दुकानों में गई...फिर मेरी नज़र एक Electronic की दुकान पर पड़ी...मैं अंदर गई...सामने सोनी का छोटा लैपी रखा था...रंग बिरंगे कलर में रखे लैपी ने मुझे भी प्रभावित किया...मैंने सोचा चलो एक-दो और लैपी देख ली जाए...मैंने लैपी की तहकीकात करनी शुरू की...सबके बारे में जानकारी जुटाने लगी...और अंत में Puzzled हो गई...समझ नहीं आ रहा था कौन सा खरीदना उचित होगा...मैंने एक दो लॉगशीट मांगी सोचा घर जाकर पहले देख तो लूं किसमें क्या सही है कौन सा लेना उचित होगा...अंत में मैंने सोचा किसी कम्प्यूटर के जानकार से पूछने के पश्चात ही कोई फैसला लूंगी...मैंने अपने कुछ सहयोगियों से पूछा...किसी ने कुछ बताया किसी ने कुछ...किसी ने किसी एक लैपी की खूबी बताई तो किसी ने दूसरे की...खैर मैंने फैसला किया भले ही एक बार पैसे लगे...लेकिन मैं ऐसा लैपी लूं जिसमें सारी खूबियां हो ताकि भविष्य में मुझे कोई परेशानी न हो।
बहुत अच्छा लिखा मधु जी आपके विचारो से हम सहमत हैं....
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