सोमवार, मई 9

सोशल मीडिया का ट्रेंड



Facebook, WhatsApp,Twitter
पर सब अपनी दुकान सजाए बैठे हैं
अपनी अपनी ब्रैंडिंग में सब जान लगाए बैठे हैं
बड़ी ख़तरनाक बीमारी है ये.. यारों
और सब दिलोजान लगाए बैठे हैं।।।
जो न जाने चलाना इसको तो
उसे अनपढ़ कह दे ये ज़माना।।
समय की होती यहां जाने कितनी ही बर्बादी।।
पर आज भी हमको इसकी ख़बर कहां कोई।।।

हर रोज लगती है यहां
like, comment और followers की बोली
पल पल चेक होता स्टेटस यू
लगे खजाना गड़ा हो कोई।।
दुनिया की भेड़ चाल में हम भी कहां कम हैं
अपने लिये भी तो हम  मौत का सामान सजाए बैठे हैं।।।


मगर सच कहूं तो है बड़ा रोचक तमाशा ये
बचपन में जो खोया था हमें फिर से मिलाया ये
गूगल के ज़माने में भी तितर-बितर थे सारे
एक-एक को खोजकर हमें फिर से संजोया ये।।

जब भी होता दिल उदास
ये अच्छा दिल को बहलाए
किसी से चाहूं करनी बात
झट से घंटी बजा दे।

अब सुख-दुख का ये साथी (सोशल मीडिया)
देखें कब तक दिल को बहलाए
सूरज का तो काम है डूब जाना
रौशनी कब तक वो फैलाए।।



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें