नत्था हमारे साथ |
कहते हैं मीडिया की नजरों से कोई नहीं बच पाया है...फिर भला नत्था कैसे बच सकता है?
फिल्म पीपली लाइव में भले ही नत्था मीडिया की नजरों से बच निकला हो....
दरअसल नत्था यानी ओंकार दास मानिकपुरी भिलाई के पास स्थित जामुल का रहने वाला है... वहीं बुधिया की भूमिका निभाने वाले रघुवीर यादव मध्य प्रदेश के जबलपुर से ताल्लुक रखते हैं। फिल्म में देहाती अम्मा का प्रभावी और मजेदार किरदार कर रहीं फर्रुख जफर लखनऊ की हैं तो धनिय
फिल्म की रिलीज के बाद पहली बार नत्था अपने गृह राज्य पहुंचा...और प्रदेशवासियों ने उसे अपनी पल्कों पर बिठा लिया....एक आम इंसान की जिंदगी में फर्श से अर्श तक का फासला यहां साफ नजर आया...आमिर की फिल्म में ब्रेक मिलना...और फिल्म में इतने सारे किरदारों के बीच अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले नत्था से प्रदेश ने खुद को गौरवान्वित महसूस किया....इस फिल्म में मंजे हुए कलाकार नसरूद्दीन शाह और रघुवीर यादव की मौजूदगी के बावजूद ओंकारदास ने अपनी अलग पहचान बनाई...ऐसा लगता है जैसे फिल्म बस नत्था के लिए ही बनाई गई हो....हालांकि इस फिल्म में नत्था के बेटे ने भी अभिनय किया है लेकिन नत्था का किरदार सभी पात्रों का केन्द्र बिन्दू बन गया...
फिल्म में किसानों की आत्महत्या पर कम मीडिया पर ज्यादा फोकस किया गया है...सरकार की कम और मीडिया की ज्यादा खिंचाई की कई है......मीडिया में कार्यरत होने के बावजूद मैं कहूंगी इस फिल्म में सरकार और मीडिया को आईना दिखाने का काम किया है...फिल्म में मीडिया पर फिल्माए गए दृश्यों को देखते वक्त मुझे ऐसा लगा जैसे समचमुच मैं अपनी दुनिया में पहुंच गई हूं...वैसे ही लोग... वैसा ही माहौल और खबरों को लेकर वैसी ही मारामारी....स्टूडिया का सीन हो या रिपोर्टिंग स्पॉट सभी स्वाभाविक लगे....खबरों के चयन का तरीका हो या बॉस की प्रतिक्रिया...सभी मेरी जिंदगी के काफी करीब नजर आए...एक पल तो ऐसा लगा मीडिया चैनल के किसी ऑफिस में आकर फिल्म की शूटिंग कर ली गई हो...वैसे भी फिल्में समाज का आईना होती हैं और आईना कभी झूठ नहीं बोलता...कम बजट की इस फिल्म ने साबित कर दिया है कि लोगों का टेस्ट कैसा है...
सही कहा मधु!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब. एक अन्य पक्ष akaltara.blogspot.com पर है.
जवाब देंहटाएंआप काफी नियमित हैं आजकल... आप लोगों के साथ ओंकार दास जी को देख अच्छा लगा. लेकिन ओंकार दास है और रघुवीर यादव हैं.. ऐसा क्यों? नए कलाकार के लिए है का प्रयोग? राजपाल यादव का नाम आप लिख गयीं बीच में गलती से उसे रघुवीर करेंगीं क्या? :) और हाँ ये जान के अच्छा लगा कि उनका बेटा भी फिल्म में था.. आभार... बुरा मत मानियेगा, आपकी गलतियां गिनाई हैं बस्स्स.. :P
जवाब देंहटाएंहा हा हा....सही है ना ,
जवाब देंहटाएंमुझे बिल्कुल बुरा नहीं लगा...
ब्लॉग की दुनिया में नई नई शुरूआत की है मैंने मुझे कैसे पता चलेगा की मैं कहां कहां गलतियां कर रही हूं...
बताने के लिए धन्यवाद
In my Opinion all the Media which are doing their Job upto the mark and are in true manner mirror of the Society must not get afraid of this Movie "Peepli Live".
जवाब देंहटाएंIn fact Amir Khan a very big Actor have fooled the Public by this movie. We have been taught that Media is Mirror of Society and there is a big relation between Viewer and Media. Now the gap between Media and Viewer is broadened. And in between Amir got chance to encash this.
With Investing only 1-2 Crore INR he has earned almost 200-300 time of money invested by him..
So in my opinion:
This movies is for the people who think that he is not doing his/ her duty well...
Go and see if any body dont do his/her duty well...
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